उत्तराखंड की कांवड़ यात्रा में पहली बार तैनात होंगी ATS टीमें, CM धामी ने दिए सुरक्षा के कड़े निर्देश
देहरादून: हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, लेकिन इस बार उत्तराखंड सरकार ने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पहली बार ATS (Anti-Terror Squad) की टीमें कांवड़ मार्ग पर तैनात की जाएंगी।
11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने सभी जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।
चारधाम और हेमकुंड की तरह अब कांवड़ में भी ATS अलर्ट
उत्तराखंड के DGP दीपम सेठ ने जानकारी दी कि जैसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद चारधाम यात्रा मार्ग पर एटीएस की तैनाती की गई थी, उसी तरह कांवड़ यात्रा के लिए भी 4–5 अहम जगहों पर ATS तैनात की जाएगी। इसके अलावा, हेमकुंड साहिब यात्रा और फूलों की घाटी में भी ATS की भूमिका अहम रही है।
ATS की टीमें अब भीड़ नियंत्रण से आगे जाकर साइबर और फिजिकल थ्रेट्स पर निगरानी रखेंगी। ड्रोन तकनीक का उपयोग पार्किंग, निगरानी और सुरक्षा में किया जाएगा।
शराब, नशा, तेज आवाज और हथियारों पर सख्ती
मुख्यमंत्री धामी ने आदेश दिए हैं कि यात्रा मार्ग पर:
- लाउडस्पीकर, डीजे और साउंड सिस्टम पर सख्त नियंत्रण हो।
- शराब, मांस और नशे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लागू हो।
- कांवड़ियों को लाठी, डंडा या धारदार हथियार ले जाने से रोका जाए।
- कैम्प संचालकों, वॉलंटियर्स और होटल मेहमानों का पूरा पुलिस सत्यापन किया जाए।
यात्रियों को किया जाएगा जागरूक
यात्रा मार्ग पर पैंपलेट्स, होर्डिंग्स, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के ज़रिए कांवड़ यात्रियों को सुरक्षा और नियमों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, दुर्घटनाग्रस्त स्थानों की पहचान कर वहां सुरक्षा इंतज़ाम बढ़ाने को कहा गया है।