उत्तराखंड सरकार ने शनिवार से पूरे प्रदेश में नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। इस अभियान को ‘ऑपरेशन क्लीन’ नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य राज्य को नशा मुक्त बनाना और लोगों को गुणवत्ता युक्त दवाएं उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) का गठन किया है, जिसकी निगरानी में यह अभियान चलाया जा रहा है।
इस टीम का नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी कर रहे हैं, जिनके साथ 8 अनुभवी अधिकारी शामिल हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह अभियान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के अंतर्गत चलाया जा रहा है।
🔍 किन-किन पर होगी निगरानी?
- फार्मा कंपनियां
- थोक और फुटकर दवा विक्रेता
- दवा भंडारण केंद्र
- नकली, मिसब्रांडेड और नशीली दवाओं का अवैध व्यापार
- भारत-नेपाल सीमा और सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी
📍 ज़िलों को दो श्रेणियों में बांटा गया:
श्रेणी-1:
- देहरादून
- हरिद्वार
- नैनीताल
- ऊधमसिंह नगर
- पौड़ी
श्रेणी-2:
- अल्मोड़ा
- रुद्रप्रयाग
- टिहरी
- उत्तरकाशी
- चंपावत
प्रत्येक सप्ताह इन जिलों से दवाओं के सैंपल लेकर जांच की जाएगी। यदि कोई सैंपल नकली या घटिया गुणवत्ता का पाया गया, तो संबंधित पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
📞 हेल्पलाइन भी जारी:
नकली दवाओं की जानकारी देने के लिए विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001804246 जारी किया है।