उत्तराखंड में ‘जलसखी योजना’ से ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा पानी सप्लाई का जिम्मा और रोजगार का मौका
उत्तराखंड सरकार जल्द ही एक नई योजना ‘जलसखी योजना’ (Jalsakhi Yojana) शुरू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की सप्लाई व्यवस्था को सशक्त बनाना और साथ ही ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देना है।
इस योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को पानी की बिलिंग, नई कनेक्शन देना, बिल सुधारना, रेवेन्यू कलेक्शन और स्कीम मेंटेनेंस जैसी ज़िम्मेदारियाँ दी जाएंगी। महिलाओं को ‘नल जल मित्र’ (Tap Water Friends) के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
इन समूहों को पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए टेस्टिंग किट्स भी दी जाएंगी और पानी सप्लाई सिस्टम में किसी भी खराबी की रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी भी इन्हीं महिलाओं की होगी। सरकार इन्हें प्रति बिल ₹10 का इंसेंटिव और कुल कलेक्शन में से एक तय हिस्सा भी देगी ताकि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके।
यह योजना केंद्र सरकार की ‘हर घर नल’ योजना के लक्ष्य की ओर एक और कदम है, जिसमें हर ग्रामीण घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना मुख्य उद्देश्य है। अब जब योजना अपने अंतिम चरण में है, तब राज्य सरकार इस मॉडल को स्थानीय समुदाय की भागीदारी के साथ सस्टेनेबल बनाना चाहती है।
जलसखी योजना सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि यह महिलाओं को सेवा वितरण की मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। इससे महिलाओं को ना सिर्फ आर्थिक आज़ादी मिलेगी, बल्कि वे गांवों की जलप्रबंधन प्रणाली में भी एक मजबूत भूमिका निभाएंगी।
इस योजना से जुड़कर महिलाएं अपने गांव के लिए काम कर पाएंगी, सम्मान पाएंगी और साथ ही आय का नया स्रोत भी मिलेगा। ऐसे में यह योजना उत्तराखंड के ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बन सकती है।
